अभी भी कहीं मौजूद हो, छिपा हो शायद प्रेम का अस्तित्व किसी कोने में छुपकर तमाशा देख रहा होगा चेहरा प्रेम का खुद को बदनाम होने का ।।।।। # अस्तित्व प्रेम का