आज का विषय है क्रोध__सन 1893 जब नस्ल भेद नीति के तहत गांधीजी को चलती ट्रेन से धक्का देकर नीचे गिरा दिया गया था। तब गांधी जी को बहुत गुस्सा आया था। पर गांधी जी ने उस गुस्से का प्रदर्शन नहीं किया बल्कि उसे अपने दिल में रखा। और उसे हथियार बनाया आजादी पाने का। और हमें आजादी मिली भी कहने का मतलब___क्रोध को अपनी कमजोरी नहीं, अपनी ताकत बनाएं। (जय हिंद) ।। ©vikash Agarwal साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। #GandhiJayanti2020