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बेटियाँ तो ज़ीनत होती हैं घर की, तो क्यूँ इ

 बेटियाँ  तो  ज़ीनत  होती  हैं घर  की,
तो  क्यूँ  इन्हें  बोझ  कह ठुकराते हो,

ये ही सँवारती हैं कल और आज को,
क्यूँ तुम इनका, अस्तित्व ही मिटाते हो,

बिना बेटी के कैसे ,जग हो चला पाओगे,
ये बात तुम सब ,मान क्यूँ नही जाते हो।।

©poonam atrey
  #बेटियाँ 
#बेटीबचाओ