मेरी साइकिल सा चले, सबके जीवन चक्र का पहिया इसकी कहानी सुनो भैया सुख दुःख के पहिए इसमें आगे पीछे जोड़ दिए। खुशी या गम मिले दिल दिमाग़ का बैलेंस न कभी बिगड़े। कुछ भी हो अंत तक पेडल चलाना याने कार्य करते है जाना। कभी राह आसान कभी कठिन होगी। मुस्कराकर होले होले चलो मुश्किल कभी न होगी। ©Smita Sapre #साइकिलयाजीवन #WorldBicycleDay2021