ख़ुद से बे-ख़बर होकर, तेरी खबर ढूंढ़ने लगे है हम । कुदरत के सानिध्य में डूब कर, चांद सितारों से तेरा पता पूछने लगे हैं हम, अपनी जिंदगी को गिरवी छोड़कर, तेरा ही संगाथ ढूंढने लगे हैं हम। दुनिया की बातों को छोड़कर, तेरे ही अल्फ़ाज ढूंढ़ने लगे हैं हम, खुद का चेहरा भूल कर, तेरा ही दीदार ढूंढ़ने निकले हम, खुद का किरदार भूलकर, आज तेरा ही किरदार ढूंढे हम। ज़हन मे एक उम्मीद लेकर, चले हैं आज हम अंधेरे गलियारों में, दिल पर हाथ रख कर , इस प्यार के मरीज का इलाज ढूंढने चले हम। ख़ुद से बे-ख़बर, आज मैं तुझको पाने के लिए खुद को भूल रहा हूंँ , मदिरा के नशे को छोड़कर, तेरे प्यार के नशे में डूब रहा हूंँ । -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-812 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।