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हर एक शख्स शोर मचा कर किसी को अपना कहता है मजबूरी

हर एक शख्स शोर मचा कर
किसी को अपना कहता है
मजबूरी बताकर,करके उसको तन्हा 
फिर उसी के प्यार को
बुरा सपना कहता है
खो जाता है खुद तो नये ख्वाबों की मदहोशी मे
और डूब कर रह जाता है कोई
उमर भर की खामोशी मे।

©Jyoti Rathi #paigam
हर एक शख्स शोर मचा कर
किसी को अपना कहता है
मजबूरी बताकर,करके उसको तन्हा 
फिर उसी के प्यार को
बुरा सपना कहता है
खो जाता है खुद तो नये ख्वाबों की मदहोशी मे
और डूब कर रह जाता है कोई
उमर भर की खामोशी मे।

©Jyoti Rathi #paigam
jyotirathi5851

Jyoti Rathi

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