ज़िन्दगी किस तरह बसर होगी दिल नहीं लग रहा मुहब्बत में रूह ने इश्क का फरेब दिया ज़िस्म को ज़िस्म की अदावत में अब फकत आदतो की वर्जिश है रूह शामिल नहीं शिकायत में