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नाज़ो से ये पली माँ की लाड़ली, पापा की परियाँ होती

नाज़ो से ये पली माँ की लाड़ली,
 पापा की परियाँ होती हैं बेटियाँ,
 एक मुस्कान से घर को महका दे,
दुख में आँसू छलकाती है बेटियाँ,

बेटों की तरह पिता का सहारा होती,
मुश्किल घड़ी में साया होती है बेटियाँ,
बढ़ाती हैं हौसला बन नैया परिवार की,
ऐसी पतवार होती हैं ये प्यारी बेटियाँ,

पिता का सम्मान,भाई का अभिमान, 
समाज का मान भी बढ़ाती हैं बेटियाँ,
यही है जो नए कुल की रीत हैं बढ़ाती,
समस्त सृष्टि की उतपति होती बेटियाँ,

घर आँगन की रौनक होती हैं मां लक्ष्मी,
सरस्वती व दुर्गा स्वरूप होती है बेटियाँ,
हर रूप में योगदान कभी मां बन देती हैं
तो कभी अर्धांग्नी,बहन,कभी होती बेटियाँ। #विशेषप्रतियोगिता

आज भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2009 में महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी. 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.

   💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं,
‌ कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें।

🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें
नाज़ो से ये पली माँ की लाड़ली,
 पापा की परियाँ होती हैं बेटियाँ,
 एक मुस्कान से घर को महका दे,
दुख में आँसू छलकाती है बेटियाँ,

बेटों की तरह पिता का सहारा होती,
मुश्किल घड़ी में साया होती है बेटियाँ,
बढ़ाती हैं हौसला बन नैया परिवार की,
ऐसी पतवार होती हैं ये प्यारी बेटियाँ,

पिता का सम्मान,भाई का अभिमान, 
समाज का मान भी बढ़ाती हैं बेटियाँ,
यही है जो नए कुल की रीत हैं बढ़ाती,
समस्त सृष्टि की उतपति होती बेटियाँ,

घर आँगन की रौनक होती हैं मां लक्ष्मी,
सरस्वती व दुर्गा स्वरूप होती है बेटियाँ,
हर रूप में योगदान कभी मां बन देती हैं
तो कभी अर्धांग्नी,बहन,कभी होती बेटियाँ। #विशेषप्रतियोगिता

आज भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2009 में महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी. 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.

   💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं,
‌ कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें।

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