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रामराज्य का सपना ये साकार तभी हो सकता है जब राजा स

रामराज्य का सपना ये साकार तभी हो सकता है
जब राजा से प्रजा तलक सब राम के पथपर चलते हों

ख़ाक संभालेंगे वो जिम्मेदारी , दुनियादारी की
शाम 7 के बाद ही जिनके पाँव बहकने लगते हों

--प्रशान्त मिश्रा पाँव बहकने लगते हों
रामराज्य का सपना ये साकार तभी हो सकता है
जब राजा से प्रजा तलक सब राम के पथपर चलते हों

ख़ाक संभालेंगे वो जिम्मेदारी , दुनियादारी की
शाम 7 के बाद ही जिनके पाँव बहकने लगते हों

--प्रशान्त मिश्रा पाँव बहकने लगते हों