शोक मधुर सी बातों पर कभी यह अमृत है कभी यह है हाला.... पर फिकर किसे है भरने वाले भरते रहते हैं अपना प्याला.... जीवन का दंभ यही है नीज ही अमृत निज ही हाला.... सब की सुनती प्याला सब की भरती यह अपनी मधुशाला....