कभी कभी इतना अकेला सा हो जाता हूं, मैं। बस आंखे नम कर यूं चलता जाता हूं, मैं। ना फ़िक्र,ना ही डर किसी का मुझे, बस एक अपना सा है तू, और, तुम्हें याद कर सिसक सा जाता हूं, मैं। ~~~अभिषेक यादव। ©Abhishek Yadav ये वीरानियां। #Life