गुस्ताखी यहि थी हमारी की हमने सबको अपना माना था.. हमारे ईस बे रहेमिका राज शायद सबने जाना था... हमाराहि दिल पागल था जो सबके साथ लगाव रखता था धोका नहि... भुल गया वो बेचारा...सौदेसे चतली हे दुनीया मे मतलब की चलती हे...वफा की नहि.. -समीर समीर