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छोटे कंधों पर,जिम्मेदारीयों के बोझ बढ़े हर बार थें

छोटे कंधों पर,जिम्मेदारीयों के बोझ बढ़े हर बार थें, 
 वक्त के मार से,बुझे अरमानों के दीपक बार-बार थें, 
 मेरे भी कई ख़्वाब थे,जो रूठ कर बिखरे हर बार थें, 
आंखों से बह कर,मुस्कुराहट में छुप जाते बार-बार थें।। 
   
          (Shivani) #antichildlabourday #DeepMeaning #nojotohindi #nojotoshayri #nojotoquote #bewashi #Waqt #Lachari
छोटे कंधों पर,जिम्मेदारीयों के बोझ बढ़े हर बार थें, 
 वक्त के मार से,बुझे अरमानों के दीपक बार-बार थें, 
 मेरे भी कई ख़्वाब थे,जो रूठ कर बिखरे हर बार थें, 
आंखों से बह कर,मुस्कुराहट में छुप जाते बार-बार थें।। 
   
          (Shivani) #antichildlabourday #DeepMeaning #nojotohindi #nojotoshayri #nojotoquote #bewashi #Waqt #Lachari