तेरे बन्दों की इस बंदिगी में बंदिशें अब वफाएँ हैँ खूबसूरत किया था जिससे इस जहां को तूने वही आज तेरे बन्दों की दफाएं हैँ ए खुदा, तूने तो कहा था मुकम्मल ये जहां उसका, जो होगा संग - ए - दिल... अफसोस,यहाँ तो हर दिल फरेबी,हर निगाह कातिल मुवाफ करना खुदा, तेरी पेशगी भी अब पाकीजा न बची सम्भलना, कहीं तेरा भी ताज़ ना जाए हिल। ©virutha sahaj ए खुदा