मन की आखों से देखों क्योंकि मेरी मैं से टकरा जाने वाले, कहते हो कि मुझे जान गए हो.. हकीकत जानोगे तो रूह काँप उठेगी, या यूँ ही मान गए हो.. ठीक है तो सच्चाई से रूबरू करवाये तुम्हें... मेरे ही मैं से मिलवायें तुम्हें.. मै तो कब की मर चुकी, बस सांसों का जाल बुनता हुआ पिंजरा हूँ, जिसकी खबर नहीं तुम्हें.. #chanu meena✍ ©chanu meena #AdhureVakya