वक्त का खेल लोगों ने परिभाषा में किताब को ज्ञान का भंडार बतलाया है मगर शायद भैया जीवन में वक्त ने कुछ ज्यादा सिखलाया है वो वक्त ही है जिसने हंसते हुए चेहरे पर अचानक मायूसी लाई है वो वक्त ही है जिसने ऐसा कर परिस्थितियों में जीना सिखाया है यह सब और कुछ नहीं, बस युद्ध का एक भाग है जहाँ वक्त ने, वक्त पर, अपना असली चेहरा दिखा लोगों को मज़बूत बनाया है डालकर रोड़े हर बार उनके पथ के उसने ठोकरों से उन्हें संभलना सिखाया है कहीं ऊंची, कहीं नीचीं, कहीं समतल जमीं देकर वक्त ने अक्सर उन्हें लहरों से टकराना सिखाया है इसे एक मौका समझकर सीख ले तू भी लहरों पर चढ़कर तांडव करना सीख ले तू भी शास्त्रों और वेदों में यूं ही नहीं होता वक्त का जिक्र वक्त, वक्त पर आकर ही, करवाता है वक्त का जिक्र #YQDidi #Waqt_ka_khel #yoprowrimo #motivation #AlokJiWrites