यूँ रूठे रूठे से हुजूर न रहा करो सुनो, बात दिल की कहा करो! तुम्हारी चुप्पी भारी पड़ती है मेरे दिल पे कह के दिल हल्का करो! बोलो ना! चाहे मुझ पे गुस्सा करो लड़कर ही सही ख़त्म मसला करो। देखो ना! ग़ुलाबी ठंड दस्तक दे रही ऐसे मुँह न फेरो जानम समझा करो! चलो छोड़ो भी ये नाराज़गी मेरी जाँ सर्द सुहानी साँझ में यूँ न जला करो! यूँ रूठे रूठे से हुजूर न रहा करो सुनो, बात दिल की कहा करो! तुम्हारी चुप्पी भारी पड़ती है मेरे दिल पे कह के दिल हल्का करो! बोलो ना! चाहे मुझ पे गुस्सा करो लड़कर ही सही ख़त्म मसला करो।