Nojoto: Largest Storytelling Platform

परिचर्चा (दोहे) परिचर्चा जब हो कभी, रखना इसका ध्य

परिचर्चा (दोहे)

परिचर्चा जब हो कभी, रखना इसका ध्यान।
विषय नेक ही तुम चुनो, सफल रहे अभियान।।

परिचर्चा अब हो जहाँ, सुखद रहे परिणाम।
कहती है सद्भावना, हो सुंदर सब काम।।

परिचर्चा जब हो अधिक, सुधरेंगे सब काम।
कमी नहीं रहती कभी, हो न सकें नाकाम।।

परिचर्चा का अब बहुत, है महत्व ये जान।
सफल रहे जीवन तभी, हो तुमको अनुमान।।

परिचर्चा ही व्यर्थ हो, विषय रहे बेकार।
नहीं सफलता भी मिले, हो जीवन दुश्वार।।

रहे भटकता फिर फिरे, समय नहीं अनुकूल।
परिचर्चा ही की नहीं, उसे गये तुम भूल।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #परिचर्चा #दोहे #nojotohindi 

परिचर्चा (दोहे)

परिचर्चा जब हो कभी, रखना इसका ध्यान।
विषय नेक ही तुम चुनो, सफल रहे अभियान।।

परिचर्चा अब हो जहाँ, सुखद रहे परिणाम।
deveshdixit4847

Devesh Dixit

New Creator

#परिचर्चा #दोहे #nojotohindi परिचर्चा (दोहे) परिचर्चा जब हो कभी, रखना इसका ध्यान। विषय नेक ही तुम चुनो, सफल रहे अभियान।। परिचर्चा अब हो जहाँ, सुखद रहे परिणाम। #Poetry #sandiprohila

264 Views