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यूँ देखकर उस रोज , तुम क्यूँ शरमाई थीं नजरों में स

यूँ देखकर उस रोज , तुम क्यूँ शरमाई थीं
नजरों में सादगी , रख तुम मुस्कुराई थीं
वो तब और आज भी , मैंने जुल्फें जो हटाई थीं
दबी सी आवाज में  , कुछ नज्में भी गुनगुनाई थीं
तुम तब और आज भी , शरमाई फिर मुस्कुराई थीं
कैसे पाऊँ काबू इन जज्बातों पर , 
तेरी बातों में भी एक अज़ब गहराई थी 
बेवक़्त वक़्त या हम ही सख्त , 
बहती साँसे औ धड़कन जो ठहराई थी
बस याद है अब ,तुम कैसे तब
शरमाई , मुसकाई फिर घबराई भी
बेशक दूरी इकतरफा है , इश्क में अब भी गहराई थी

- मनोगुरु - #nojoto #इश्क #ज़िद #प्यार #धोखा #दर्द #शरमाना #जुल्फ़े #कविता #शायरी #nojotopoetry
यूँ देखकर उस रोज , तुम क्यूँ शरमाई थीं
नजरों में सादगी , रख तुम मुस्कुराई थीं
वो तब और आज भी , मैंने जुल्फें जो हटाई थीं
दबी सी आवाज में  , कुछ नज्में भी गुनगुनाई थीं
तुम तब और आज भी , शरमाई फिर मुस्कुराई थीं
कैसे पाऊँ काबू इन जज्बातों पर , 
तेरी बातों में भी एक अज़ब गहराई थी 
बेवक़्त वक़्त या हम ही सख्त , 
बहती साँसे औ धड़कन जो ठहराई थी
बस याद है अब ,तुम कैसे तब
शरमाई , मुसकाई फिर घबराई भी
बेशक दूरी इकतरफा है , इश्क में अब भी गहराई थी

- मनोगुरु - #nojoto #इश्क #ज़िद #प्यार #धोखा #दर्द #शरमाना #जुल्फ़े #कविता #शायरी #nojotopoetry