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रंग-ए-दुनिया कितना गहरा हो गया आदमी का रंग फीका ह

रंग-ए-दुनिया कितना गहरा हो गया 
आदमी का रंग फीका हो गया 

रात क्या होती है हम से पूछिए 
आप तो सोए सवेरा हो गया 

डूबने की ज़िद पे कश्ती आ गई 
बस यहीं मजबूर दरिया हो गया 

आज ख़ुद को बेचने निकले थे हम 
आज ही बाज़ार मंदा हो गया 

ग़म अँधेरे का नहीं 'दानिश' मगर 
वक़्त से पहले अंधेरा हो गया 

~Madan Mohan Danish #Madanmohandanish #Famous #Shayar #Zindagi #Life
रंग-ए-दुनिया कितना गहरा हो गया 
आदमी का रंग फीका हो गया 

रात क्या होती है हम से पूछिए 
आप तो सोए सवेरा हो गया 

डूबने की ज़िद पे कश्ती आ गई 
बस यहीं मजबूर दरिया हो गया 

आज ख़ुद को बेचने निकले थे हम 
आज ही बाज़ार मंदा हो गया 

ग़म अँधेरे का नहीं 'दानिश' मगर 
वक़्त से पहले अंधेरा हो गया 

~Madan Mohan Danish #Madanmohandanish #Famous #Shayar #Zindagi #Life