ये दुनियां दिल पर हावी है यहाँ अब सब की मनमानी है दिले दर्द सुनाए किसको यहाँ सबकी अपनी एक कहानी है सही नहीं हो सकता ये दर्द ये तो ज़ख्म बहुत पुरानी है बिख़र गया ख़्वाब जो रेत सा अब क्यों कोई घर बनानी है ये #दुनियां दिल पर #हावी है यहाँ अब सब की #मनमानी है #दिले दर्द सुनाए किसको यहाँ सबकी अपनी एक #कहानी है #सही नहीं हो सकता ये #दर्द ये तो #ज़ख्म बहुत# पुरानी है