वर्क़ वर्क़ तेरी दास्ताँ, सबक सबक तेरे तज़किरे तुझे करूँ तो कैसे करूँ अलग मैं अपनी किताब-ए-हयात से #urdu_adab#ghazal#naghmaat#bazm_e_adab