मंज़िल से आगे मंज़िल तलास कर मिल जाए दरिया तो समुन्दर तलास कर अकसर शीशा टूट जाता हैं पत्थर कि चोट से और पत्थर ही टूट जाए ऐसा शीशा तलास कर Rupesh