(लैला- मजनू की प्रेम कहानी) Song-Written by- MAHENDRA KUMAR UJAGAR लैला- मजनू की यह जो कहानी है सदियों पुरानी यह तो सुनो ना, प्यार अमर है सारे जहां में ऊपर का उनको वरदान है ना। - 2 आशिक दीवाना था वो, दर-दर भटकता था वो। हर वक्त अपने दिल में, लैला लैला करता था वो। - 2 लैला- मजनू की यह जो कहानी है सदियों पुरानी यह तो सुनो ना, प्यार अमर है सारे जहां में ऊपर का उनको वरदान है ना। - 2 घरवाले जो थे उसके, करते अलग जो लैला से। दर्दे जुदाई लैला। की, सहते नहीं थे मजनू ये। - 2 लैला- मजनू की यह जो कहानी है सदियों पुरानी यह तो सुनो ना, प्यार अमर है सारे जहां में ऊपर का उनको वरदान है ना। - 2 लैला मोहब्बत उसको, करती थी जां से ज्यादा। मर के निशानी दे दी, अपना निभाया। वादा। - 2 लैला- मजनू की यह जो कहानी है सदियों पुरानी यह तो सुनो ना, प्यार अमर है सारे जहां में ऊपर का उनको वरदान है ना। - 2 ©MAHENDRA KUMAR UJAGAR Song(लैला- मजनू) #Love