अपनी यादों की कश्तियां, मंझधारो से लड़ती है। डरती है किनारे से जहां, आकर तुझमें वो डूबती है। अपनी यादों की ...लड़ती है। - आर्यावर्त वेद प्रकाश। Akshita Jangid(poetess)