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चोरी करना सीख गया है, आज कोई इसे खाना नहीं देगा।।

चोरी करना सीख गया है,

आज कोई इसे खाना नहीं देगा।। शायद 7 साल की उम्र होगी, 1962 की 63 की घटना है। Us ज़माने में तीन पैसे जेब खर्ची मिला करती थी, किसी दिन 5 पैसे भी मिल जाते, बस उस दिन तो बादशाह हो जाते...।एक दिन स्कूल से आने के बाद दोपहर का समय , बरामदे में एक शेल्फ  पे एक डिब्बा रखा रहता था जिसमे छुट्टे पैसे रहते थे।
हमने इधर उधर देखा कोई दिखा नहीं tou chupke se bina आवाज़ किए एक तीन पैसे का सिक्का उड़ाया और जेब में डाल घर से बाहर हो लिए।
घंटे भर बाद जब लौटे तो भ्रम टूटा की मुझे पैसे चुराते किसी ने देखा नहीं, क्योंकि मामा जी ने बिना कुछ पूछे क
चोरी करना सीख गया है,

आज कोई इसे खाना नहीं देगा।। शायद 7 साल की उम्र होगी, 1962 की 63 की घटना है। Us ज़माने में तीन पैसे जेब खर्ची मिला करती थी, किसी दिन 5 पैसे भी मिल जाते, बस उस दिन तो बादशाह हो जाते...।एक दिन स्कूल से आने के बाद दोपहर का समय , बरामदे में एक शेल्फ  पे एक डिब्बा रखा रहता था जिसमे छुट्टे पैसे रहते थे।
हमने इधर उधर देखा कोई दिखा नहीं tou chupke se bina आवाज़ किए एक तीन पैसे का सिक्का उड़ाया और जेब में डाल घर से बाहर हो लिए।
घंटे भर बाद जब लौटे तो भ्रम टूटा की मुझे पैसे चुराते किसी ने देखा नहीं, क्योंकि मामा जी ने बिना कुछ पूछे क