फोड़ लें आँखें अपनी, जिन्हे बरदस्त नहीं रौशनी हमारी। अभी तो बस कुछ सफहे जलाए हैं, डुबो कर उस स्याही में - जो काली पड़ गईं अब, कालांतर के चोट से।। जरूरत है कुछ दिये ढूंढ लूं, इस माटी के शरीर में। ताश के पत्तों सा पिसकर, जिंदगी की बत्ती बनाऊं, जो रौशन करे जहां सारा।। #diwali2022 #diwalispecial #diyekiroshni #gitey007 #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqhindi