हसरतें हैं गहरी मिल जाओ आओ तुम.. तड़पते हैं कैसे देख जाओ आओ तुम.. हर पल उदास आंखें कह रही हैं सुन तू, आ बैठ मेरे पास हसीन ख्वाब बुन तू. मचलते हैं कैसे देख जाओ आओ तुम.. कोमल निगाहों के किनारे मेरे दिल के हैं ये सहारे नाजुक सा बदन तुम्हारा लग जाओ गले हमारे. टहलते हैं कैसे देख जाओ आओ तुम..। ©RamUnij Maurya #Travel