किताबो से रिश्ता तो बचपन से होता है सबका, पर उस जवानी की भी क्या बात है जब किताबो की शायरी पढ़कर ही इश्क़ कि आंधी में उड़ने का मन करे। पढ़ाई तो पास होने के लिए बहुत करते है सब, पर जवानी में जब किताबे पढ़कर सुकून मिले तो क्या करे। किताबे बौझ लगती थी कभी अगर किताबे हमसफर बन जाये तो क्या करे।