चाँद के पर्दे के पीछे रातें गीत सुना रहीं हों जैसे, किसी टूटे तारे को चाँद की छाया अपने आगोश में छिपा रही हो जैसे, एक तरफ ये कुदरत ,ऊपर से मेरी कविता मिल कर ये दोनों सखियाँ चाँद को अपना आशियाँ बना रहीं हों जैसे! broken star & me.. ✍🏻 ©Harishh,,, bs