जवान आंखों में जुगनू चमक रहे होगें हमारे गांव मैं अमरूद अब पक रहे होंगे और तुम भुला दो मुझे मगर तुम्हारे बदन पर मेरी उंगलियों के निशान अभी तक चमक रहे होंगे राहत इन्दौरी