8. "कह दो इन कुत्तों के पिल्लों से कि इतराएँ नहीं हुक्म जब तक मैं न दूँ कोई कहीं जाए नहीं" यह दरोगा जी थे मुँह से शब्द झरते फूल से आ रहे थे ठेलते लोगों को अपने रूल से फिर दहाड़े, "इनको डंडों से सुधारा जाएगा ठाकुरों से जो भी टकराया वो मारा जाएगा इक सिपाही ने कहा, "साइकिल किधर को मोड़ दें होश में आया नहीं मंगल कहो तो छोड़ दें" बोला थानेदार, "मुर्गे की तरह मत बांग दो होश में आया नहीं तो लाठियों पर टांग लो ये समझते हैं कि ठाकुर से उलझना खेल है ऐसे पाजी का ठिकाना घर नहीं है, जेल है"... "कह दो इन #कुत्तों के #पिल्लों से कि इतराएँ नहीं हुक्म जब तक मैं न दूँ कोई कहीं जाए नहीं" यह #दरोगा जी थे मुँह से #शब्द झरते फूल से आ रहे थे ठेलते लोगों को अपने रूल से फिर दहाड़े, "इनको #डंडों से #सुधारा जाएगा ठाकुरों से जो भी #टकराया वो मारा जाएगा