वो ख्वाब ही इतना खुबसुरत है जिसमें तुम हो, सोचो फिर, वो सच कितना बेमिसाल होगा। ख्यालों में ही ईमान डोल उठता है हमारा, सोचो फिर, हकीकत मे क्या हाल होगा। किन-किन तरकिबों से बचायेंगे हम खुद को, कभी अँखों का काजल, तो कभी जुल्फों का जाल होगा। छोड़कर यूं जिद्द, कर लो अगर राबता तुम हमसे, तो देखना हर इक दिन हमारा, इक नया साल होगा। -Rahul Singh #khwaab #haqeeqat #khayal #love #hindi #writing #kavita #poem #poetry #rekhta #quote #saying #life #share #singhsaahab