पर्व है पुरुषार्थ का दीप के दिव्यार्थ का देहरी पर दीप एक जलता रहे अंधकार से युद्ध यह चलता रहे हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!! झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!! दीपोत्सव की शुभकामनाएं!! ©Brij Bihari Shukla #happydiwali2020 #Brij #Nojoto #Lights #BestWishesDiwali