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लड़खड़ाहट कदमों की बढ़ने लगी है मेरी, बिना ठोकरों

लड़खड़ाहट कदमों की बढ़ने लगी है मेरी,
बिना ठोकरों के ही संभलने लगा हूं मैं..!!
हर मर्तफा खुद ही सबको छोड़ देता हूं,
जबसे खुदगर्जी के झूठे तानों से डरने लगा हूं मैं..!! लड़खड़ाहट कदमों की बढ़ने लगी है मेरी,
बिना ठोकरों के ही संभलने लगा हूं मैं..!!
हर मर्तफा खुद ही सबको छोड़ देता हूं,
जबसे बेवफाई के झूठे तानों से डरने लगा हूं मैं..!!

#kalwasaab
#om
लड़खड़ाहट कदमों की बढ़ने लगी है मेरी,
बिना ठोकरों के ही संभलने लगा हूं मैं..!!
हर मर्तफा खुद ही सबको छोड़ देता हूं,
जबसे खुदगर्जी के झूठे तानों से डरने लगा हूं मैं..!! लड़खड़ाहट कदमों की बढ़ने लगी है मेरी,
बिना ठोकरों के ही संभलने लगा हूं मैं..!!
हर मर्तफा खुद ही सबको छोड़ देता हूं,
जबसे बेवफाई के झूठे तानों से डरने लगा हूं मैं..!!

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#om
dromprakashkalwa1709

Dr Om Saa

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