आजकी सुबह कितना खामोश है आजकी रात कितनी नशीली है आजकी दिन कितना मदहोश है आजकी शाम कितना रशिली है आजकी प्यार कितना जहरीला है आजकी नफरत कितना सस्ता है आजकी कोशिशें कितने कमजोर हैं आजकी इंसानियत कितनी महंगी है ""....और देखो आजकल हम कितने रौतें हैं आशुओंको कैसे पीते हैं धड़कन कि तो ऐसी हाल है, मत पूछो... आजकल कैसे जीते हैं "" #alone #randomfeelings #terebinakeisajeena