Dear Sadness कशमकश आंखों का अब सहा नही जाता, पुराने मुस्कुराहट के बिना अब चेहरे पर कोई हरकत रचा नही जाता, ऐ दुख तेरे दिये आगाजों को बहुत दर्द से संभाला था, अब और उन्हें पन्नों मे लिखकर संदूक मे रखा नही जाता, ' बस बहोत हुआ अब रुख मोड़ ले अपना मुझसे, तो जी लु कुछ जिंदगी मुस्कुराकर ' #Dearsadness -nayak 0.9 ' बस बहोत हुआ अब रुख मोड़ ले अपना मुझसे तो जी लु कुछ जिंदगी मुस्कुराकर '