सबब नाराज़गी का बस इतना सा है। कि अब बेबाक बातें उनको बर्दाश्त नहीं होती। होती हैं बातें अब सिर्फ बातों जैसी। बातों में अब वो पहले सी बात नहीं होती। ©Shah.nawaz #promiseday