इरादा अटल हो, सत्य का मार्ग हो, हिंसा जिसे रास ना आये, जिसके दिल में आग हो, जो समेट कर रखे हर एक तिनका, जिसके दिल में बसता हो तिरंगा। मैनें ढूंढा बहुत उस शक्श को, पर हाथ मेरे मायुशी ही आयी, उसकी कमी खलती है बहुत, बापू बताओ तुम कहाँ हो, बापू बताओ तुम कहाँ हो? anand prakash 5th poetry #GandhiJayanti2020