अभी सीखा ही था पगडंडियों पर चलना यह इश्क़ गलियों से भर गया कैसे खिलता मेरे एतबार का फूल वो दब कर ख़ुदगर्जी की कलियों में मर गयाअपना बैठे वो घर वालों की पसंद को मेरा इश्क़ इन्तेज़ार में लगती बल्लियों में मर गया ©Neeraj Sharma #ishq #intejar #Dhokha #Scapegoat