हे छंद की वेड। समजत नाही। करमत नाही। तुझ्याविना।। तुझी नेहमीच। लागतेय ओढ। जणू काय वेड। लागे मला।। दिसते सर्वत्र। तुझे प्रतिबिंब वाटे जणू छंद। जडे मला ।। हे छंद की वेड। समजत नाही। करमत नाही। तुझ्याविना।। तुझी नेहमीच। लागतेय ओढ। जणू काय वेड। लागे मला।।