"साँवरे" ऐ मेरे सांवरे, मेरे मनमीत तुम मेरे जीवन की नईया, का संगीत तुम तुम हो मेरी हसी, तुम हो मेरी खुशी मेरे उर में समाई अटल प्रीत तुम ।। ऐ मेरे साँवरे..... जग में क्या है सही और क्या है गलत अब समझ मेरे कुछ भी आता नही तेरी सूरत बसी है, निगाहोँ मे अब कोई चेहरा मुझे अब,लुभाता नही ।। ऐ मेरे साँवरे...... तेरे भक्ती में है इतनी शक्ती प्रभू हो गुनाह अब तक ऐसा हुआ ही नही सत्य के इस अटल साधना से सधा झूठ अबतक इस तन से बधा ही नही मित्रता में मेरे खोंट ना है प्रभू उस समर्पण को मैं भूल जाता नही तेरी सूरत बसी है निगाहों मे अब कोई चेहरा मुझे अब,लुभाता नही ।। ऐ मेरे साँवरे...... सर्वाधिकार सुरक्षित अशोक सिंह अलक साँवरे ##nojoto #hindiquote