अजीब सी ये एक कहानी है कि ज़िन्दगी ये बहता हुआ पानी है धारा इसकी है इतनी तेज कि शोर ही खुद की नहीं सुनती है बस किनारे और किनारो के पत्थर दिलाते एहसास नदी को कभी कहीं तो रुक और शोर सुन अपनी जो कहते हैं एक तेरी व्यथा कहानी पर नदी कहाँ किसी की सुनती है खुश रखने के लिए सबको उस किनारे और किनारों के पत्थरों से चोट खाकर भी हँसते हुए आगे बढ़ती रहती है अजीब सी ये एक कहानी है कि ज़िन्दगी ये बहता हुआ पानी है ©Anamika Baitha अजीब सी ये एक कहानी है कि जिंदगी ये बहता हुआ पानी है