लूटी यादें तुझे दिल के तख्तों ताज पर बैठा तो लू फिर सोचता हूं, की संभालेगा कैसे हुकूमत-ए-राज नाज़िम मोहब्बत का। कोई तख्तापलट न करदे तेरे दिल में मेरे आशियानें का, मैं तो लूट ही जाऊँगा अपने हुक्मरानों के हाथों से। तब कैसे रोकूँगा अपने दिल के सैनिको के टेसूओ को बहाने से...! जमाना देख चुका था मुश्कुराना मेरे दिल का टेसूओ के बहाने से अब देखेगा मारना मेरे दिल का लूटी यादें तुझे दिल के #तख्तों ताज पर बैठा तो लू फिर सोचता हूं, की संभालेगा कैसे #हुकूमत-ए-राज नाज़िम #मोहब्बत का। कोई #तख्तापलट न करदे तेरे दिल में मेरे #आशियानें का, मैं तो #लूट ही जाऊँगा अपने #हुक्मरानों के हाथों से।