स्याह रातों को चीर के निकल जाती है रोशनी धूल से रुबरू होकर बीज़ पेड़ों में ढलता है बेशक है बड़ा मुश्किल लड़खड़ा के संभलना पर आसमानों का सपना भी बंद आंखों में पलता है मुश्किल तो था... #मुश्किलतोथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbhaijan #yoliwrimo #365days365quotes