मुस्कान कहती है सीमा दी तुम यही न रहने वाली है, फिर सब कुछ ऐसे क्यों समझाती है की मान लो की हम नही होंगे तो?? तब हम उसको कुछ कहते नही... बस मुस्कुरा देते हैं... पर जवाब अगर दे तो क्या दे ना की हर वक्त सीखने और समझाने वाला साथ नही होता है... और हर वक्त वो सीखने और समझाने के हाल में नहीं होता है... तो जब कोई बड़ा कुछ कह रहा है तो समझ लो, सिख लो क्यों की परीक्षा का दिन कौन सा है... और तुम्हारी परीक्षा अकेले है या मेरा भी वहां होना लिखा है ये किसको पता है... तो जो पता है वो करके रखते है ताकि तुम उस दिन ये सोचकर सब कुछ कर पाओ की हमको नहीं भी आता है पर पता है की शुरुआत तो करना ही है क्यों की ये मेरी जिम्मेदारी है ये मेरे अपने है इनके लिए नहीं तो और किसके लिए करेंगे यही तो है तो मेरा जहां है, ये मेरा कुछ नही होता है होता है तो सबका होता है, ये समझना पहले से बहुत जरूरी है वरना मुश्किल में सिर्फ मेरा नही ये परेशानी ये कहकर पीछे हटना सबसे आसान बहाना है, पर मुश्किल को समझना और उसको हल करना सबसे जरूरी है कभी इसलिए कुछ नही करना है की मेरी जरूरतें बस पूरी हो बाकी हमको चाहिए ही क्या है, क्यों की फिर दुनिया तो बईमान है ही खुद से ये सवाल पूछने पर तकलीफ होगी की मेरा अपना ईमान कहा है, हम तो यही रहेंगी ही पर तुमको ये सब सिख लेना पहले से जरूरी है क्यों की मान लो हम नही होंगे तो तुमको भी सब देखना है.. मुस्कान.... #स्नेह_के_साथी #mywritingmywords #mywritingmythoughts #yqdidi #yqhindi #yqhindiwriters #merimonu #merimuskan