White समय, हालत और लोग सब बदल रहे है फिर न जाने क्यों मैं अब तक वैसी की वैसी ही हूं... ऐसा नहीं है जिंदगी में कुछ बदला नही यहां तो पूरी जिंदगी ही बदल गई है और जो नहीं बदला वो सिर्फ मैं हूं आखिर मै क्यो नहीं बदली.... क्यों पहले जैसी ही नादान और नासमझ हूं जो बदलते समय के साथ लोगो के बदलते भाव ना समझ पायी उनकी झूठी मुस्कुराहट के पीछे की चाल ना समझ पायी... उम्र के हर मोड़ पर मेने खुद को ऐसा ही पाया है सब का अच्छा चाहते चाहते मैं खुद को ही बुरा बना बैठी लोगों से अपना बुरा सुनने के बाद भी मैं अपना स्वभाव ना बदल पाई... परिवर्तन संसार का नियम है तो मैं क्यों इस परिवर्तन का भाग ना बन पाई बदलती दुनिया के साथ में खुद में बदलाव ना ला पाई... क्या अपने असली रूप में रहना अच्छा नहीं है बदलाव का झूठा दिखावा करने से… और अगर बुरा भी है तब भी में खुश हु अपने इस रूप से फ़िर क्यों जरूरी है हर किसी का बदलना क्यों जरूरी है सबका एक से मापदंडों पर चलना.... ©Kiran Ahir #milan_night