हाथों में जो घट था उसमें,ज़िंदा हिंदुस्तान रहा, चलती लाशों का मौन यहाँ शमशान रहा, युद्ध भूमि की पावनता का सैनिक को भान रहा, वन्दे-मातरम मुरझाते होठों पर अंतिम गान रहा, अम्बर तक लहराता तिरंगा,शहीद के कफन का मान रहा, युद्ध काल का गौरव, शान्ति युग में चोटिल बलि बेदी का मान रहा, निज कुटुम्भ के त्याग के बल से ,ज़िंदा हिंदुस्तान रहा। ज़िंदा हिंदुस्तान रहा(पूरी कविता के लिए लिंक फॉलो करें) https://baagijazbaat.blogspot.com/2017/11/blog-post_7.html?m=1 #azaadi #independenceday #72ndIndependenceDay #freedom #आज़ादी #स्वतंत्रता #सैनिक #sacrifice #valour #pride #गर्व #protectors #Indiansoilders #IndianArmy