ऋषि गालव मि तपस्या ने तपाया है तुजे।ऋषि गालव की तपस्या ने तपाया है तुजे , संगीत तानसेन ने अपना घर बनाया है , कभी अटल ने , कभी दानिश ने , कभीअजनबी ने गया है तुजे , ऋषि गालव की तपस्या ने तपाया है तुजे। जब हिंसा को राजाओं ने है बढ़ाया , तब बना है दाता बन्दी छोड़ गुरुद्वारा, यहाँ की मिट्टी में है सूर्यवीरों कि चमक, प्रसिद्ध है देश की गजक, देखने को मिले है अविनालिका की विशाल काया ,गोपांचल पर बसाया है तुजे । ऋषि गालव की तपस्या ने तपाया है तुजे, संगीत तानसेन ने अपना घर बनाया है तुजे , कभी अटल ने ने , कभी दानिश ने , कभी अजनबी ने गया है तुजे। #MeraShehar