मैं लड़खड़ाया तो उनका नाम हो गया। मुझमें कमी ढूंढना उनका काम हो गया। सबर की जंग लड़ने को राजी नहीं कोई, कलम उठा कर ग़ालिब बदनाम हो गया। मेरे सपनों की चिंताएं उनकी नजरों में इस कदर जली, कि दिल में उनके दूर-दूर तक का मंजर शमशान हो गया। अब करूं खुशामद मैं किससे जाकर कि बताएं उनको, एक बार फिर से मुर्दा इंसान हो गया। मेरे चाहने वालों ने जमीन में 4 फीट अंदर छिपाया था मुझको, मैं नींद से जागा तो हैरान हो गया। शुकर है बस एक ही जिंदगी मिली मुझे उनके साथ जीने को, दूसरी जिंदगी में रिश्ता अनजान हो गया। ©Kalam Rukti Nahin #Life_experience #Life_A_Blank_Page #life® #Life❤ #Life #Lifefunda #Relationship #Death